ईमित्र कमीशन क्या है ये कैसे व कब मिलता है? | eMitra Commission Kya Hai
ईमित्र कमीशन क्या होता है और कैसे प्राप्त करें? What is eMitra commission and how to get it?
ईमित्र केंद्रों पर दी जाने वाली सेवाओं के बदले संचालकों को जो आय होती है, उसे ही ईमित्र कमीशन कहते हैं। यह कमीशन सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार संचालकों को हर महीने दिया जाता है। इस लेख में आप जानेंगे कि कमीशन कैसे बनता है, कैसे मिलता है, और इसकी गणना कैसे होती है।

ईमित्र कमीशन कैसे बनता है?
सेवाओं की प्रक्रिया:
- ईमित्र केंद्र संचालक आम जनता से विभिन्न सरकारी सेवाओं (जैसे जाति प्रमाण पत्र, बिजली बिल भुगतान, आदि) के लिए आवेदन शुल्क लेते हैं।
- यह शुल्क सरकार द्वारा तय किया गया है।
राशि कटने की प्रक्रिया:
- आवेदन शुल्क का पूरा पैसा ईमित्र संचालक के खाते से कट जाता है।
- यह राशि संबंधित विभागों में जमा होती है।
कमीशन निर्धारण:
- सरकार द्वारा दी गई सेवाओं के लिए शुल्क में से एक भाग संचालक को कमीशन के रूप में वापस मिलता है।
- कमीशन की राशि सेवा के प्रकार और ईमित्र की श्रेणी (A+, A, B+, आदि) पर निर्भर करती है।
ईमित्र कमीशन कब मिलता है?
- ईमित्र संचालकों का कमीशन हर महीने की 1 से 5 तारीख के बीच दिया जाता है।
- यह कमीशन संचालक के ईमित्र वॉलेट में जमा होता है।
ईमित्र कमीशन का भुगतान कहां आता है?
- कमीशन की राशि संचालक के ईमित्र वॉलेट खाते में जमा होती है।
- संचालक चाहें तो इस राशि का उपयोग अगले महीने के भुगतान के लिए कर सकते हैं या इसे अपने बैंक खाते में स्थानांतरित कर सकते हैं।
ईमित्र कमीशन की गणना कैसे होती है?
सेवा शुल्क का विभाजन:
- उदाहरण:
यदि मूल निवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन शुल्क ₹40 है:- ₹40 में से सर्विस टैक्स और विभागीय चार्ज काट लिया जाता है।
- शेष राशि कमीशन के रूप में ईमित्र वॉलेट में जुड़ती है।
- उदाहरण:
LSP और RISL कटौती:
- कमीशन का एक भाग LSP (लोकल सर्विस प्रोवाइडर) और RISL को जाता है।
- कमीशन की राशि श्रेणी और क्षेत्र (ग्रामीण/शहरी) के आधार पर निर्धारित होती है।
ईमित्र कमीशन श्रेणियां:
श्रेणी | संचालक का कमीशन (ग्रामीण/शहरी) | LSP कमीशन |
---|---|---|
A+ | 85% + 5% | 15% + 5% |
A | 85% | 15% + 5% |
B+ | 80% | 20% + 5% |
B | 75% | 25% |
C | 75% | 20% + 5% RISL |
कमीशन में अन्य कटौती:
सिक्योरिटी वॉलेट कटौती:
- कमीशन का एक भाग सुरक्षा वॉलेट में जमा होता है, जो समय-समय पर संचालकों को लौटाया जाता है।
जुर्माना कटौती:
- यदि संचालक ईमित्र के नियमों का उल्लंघन करते हैं, तो जुर्माने के रूप में वॉलेट से राशि काटी जाती है।
निष्कर्ष:
ईमित्र कमीशन संचालकों की आय का मुख्य स्रोत है। यह सेवा शुल्क के माध्यम से बनता है और सरकार द्वारा निर्धारित समय पर संचालकों को भुगतान किया जाता है। कमीशन की राशि ईमित्र की श्रेणी और सेवाओं के प्रकार पर निर्भर करती है।
अगर यह जानकारी उपयोगी लगी हो, तो इसे साझा करें और हमें फॉलो करना न भूलें! 😊
आपके लिए कुछ विशेष लेख
- कैसे सेट करें ChatGPT की चैट हिस्ट्री को ऑटो डिलीट? Auto Delete History
- विद्यार्थी जीवन में संघर्ष और सफलता की कहानी | Struggles and Success
- शेयर बाजार में लाभ के टोटके (Making Profits Stock Market Tips)
- मैथिलीशरण गुप्त की प्रमुख रचनाएँ | Maithilisharan Gupt Pramukh Rachnaye
- शिक्षा पर हिंदी भाषण | Education Speech in Hindi
- शेयर मार्केट में सफलता का ग्रह (Planet of Success Stock Market)
- कल के लिए शेयर बाजार भविष्यवाणी (stock market prediction for tomorrow)
- जयशंकर प्रसाद की प्रमुख रचनाएं | Jayshankar Prasad Ki Pramukh Rachnaye
- रहीम की प्रमुख रचनाएँ | Rahim Ki Pramukh Rachnaye
- सबसे ज्यादा किन्नर किस देश में हैं? | Sabse jyada kinner kis desh mein hai?
एक टिप्पणी भेजें
आपको हमारी वेबसाइट / ब्लॉग के लेख कैसे लगे इस बारे में कमेंट के माध्यम से बताएं